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बुधवार, 13 मई 2020

Zoom App download

Zoom App download  with new features

   बहुत ही जल्दी पॉपुलर हुआ जूम  मीटिंग ऐप अब नये सिक्योरिटी फीचर्स के साथ अपडेट हो चुका है। इस अपडेट से कंपनी का दावा है कि यह  पूरी तरीके से सुरक्षित है और इसमें कुछ नए फीचर्स भी जोड़े जा रहे  हैं।

Zoom app



   जहाँ भी चाहे आप जुड़े रहें - क्रिस्टल-क्लियर, फेस-टू-फेस वीडियो, उच्च गुणवत्ता स्क्रीन साझाकरण और त्वरित संदेश के साथ ओर 100-व्यक्ति की बैठक में शामिल हों सकते हैं वह भी- मुफ्त में!
   अवार्ड विनिंग जूम एक आसान उपयोग के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ऑनलाइन मीटिंग और ग्रुप मैसेजिंग का उपयोग करता है।
वर्तमान संस्करण    5.0.24050.0510
अपडेट करने की तारीख 10 मई 2020।

Zoom App download  on Play Store   click here Zoom App
जूम ऐप प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें क्योंकि प्ले स्टोर से डाउनलोड किए हुए ऐप गूगल हर बार चेक करता रहता है कि इसमें कोई वायरस है या नहीं कोई भी परेशानी होती है तो वह हमें  सूचित करते हैं। गूगल रेगुलरली हमारे प्ले स्टोर से डाउनलोड किए हुए एप्स चेक करता रहता है।

App,File link mein virus hai ya nahin check  Karen Click here

जूम ऐप को पॉपुलर होने के साथ कुछ विवादों का भी सामना करना पड़ा था। इसकी सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठे हैं। इतना ही नहीं गृह मंत्रालय की तरफ से भी इस को लेकर एडवाइजरी जाहिर की गई थी इन सब विवादों के बाद कंपनी ने फिर से अच्छे सिक्योरिटी फीचर्स के साथ इसको अपडेट करके  लॉन्च किया गया है।

कौन से नए फीचर्स है? 

जूम के नए वर्जन में अपग्रेडेड डाटा राउटिंग, कंट्रोल एंक्रिप्शन और होस्ट कंट्रोल फीचर ऐड किए गए हैं।  जूम एप के यूजर इंटरफेस में भी फेर फार किया गया है।
ऐप में सिक्योरिटी फीचर को एक्सेस करने के लिए एक सिक्योरिटी आइकॉन दिया हुआ है। ऐप में पासवर्ड प्रोटेक्शन और अनओथोराईज्ड एक्सेस की पहचान के लिए कंट्रोल दिया गया है अपडेट किए ऐप में   AES 256-bit GCM
इंक्रिप्शन स्टैंडर्ड है 

कांटेक्ट शेयरिंग अकाउंट को सुरक्षित किया गया है।
क्लाउड रिकॉर्डिंग के लिए पासवर्ड प्रोटेक्शन फीचर्ड ऐड किया गया है।

Download social medias video in mobile gallery
 




शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

YouTube video zoom kaise Karen, video ko zoom kaise karen

YouTube video zoom kaise karen, video ko zoom kaise karen.

   आप लोग जानते ही होंगे यूट्यूब वीडियो को जूम नहीं किया जा सकता अगर आपका मोबाइल में 16: 9 से अधिक आस्पेक्ट रेशियो वाले डिवाइसेज है, तो आप वीडियो को फुल स्क्रीन तक फैलाने के लिए ज़ूम इन कर सकते हैं।
उस वीडियो पर जाएं जिसे आप ज़ूम करना चाहते हैं।
दो उंगलियों के साथ, वीडियो स्क्रीन पर खींचें।
नोट : 16: 9 से अधिक पहलू अनुपात वाले उपकरण मानक फोन की तुलना में चौड़ाई के संबंध में लम्बे हैं। 16: 9, आमतौर पर वाइडस्क्रीन के रूप में जाना जाता है, मोबाइल उपकरणों, टीवी और कंप्यूटर मॉनिटर के लिए सबसे सामान्य पहलू अनुपात है, और एचडीटीवी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रारूप है।
YouTube videos zoom Karen

YouTube zoom Karen, video ko zoom kaise karen

   1)  यूट्यूब को ज़ूम करने के लिए क्रोम या ओपेरा जैसे ब्राउजर में Desktop मोड में ओपन किया जा सकता है इसके लिए इस तरह से लिंक है
https://www.youtube.com/?app=desktop
      या फिर
https://www.youtube.com/
याद रखें इस लिंक को क्रोम या ओपेरा जैसे ब्राउजर में खोलने पर ज़ूम कर सकते हैं।
(फोन स्क्रीन को ऑटो रोटेड ऑन रखना है। वीडियो को पोर्टन मोड में ऑन नहीं करना है)
2) फोन के सेटिंग मोड में एक्सेसिबिलिटी में जाकर magnification मोड ऑन कीजिए।
     अब आप अपने फोन की स्क्रीन को तीन बार क्लिक करके ज़ूम मोड ऑन कर सकते हो और दो उंगलियों से ज़ूम कर सकते हो ज़ूम ऑफ करने के लिए फिर से 3 बार स्क्रीन पर क्लिक करना होगा। इस तरह से किसी भी वीडियो को आप ज़ूम कर पाओगे।

बुधवार, 21 अगस्त 2019

Download social medias video in mobile gallery

Download social medias video in mobile gallery. हॉटस्टार फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशियल मीडिया के वीडियो अपने फोन गैलरी में डाउनलोड कैसे करें?

दोस्तो आज मैं आपको सिखाऊंगा की हॉटस्टार फेसबुक और यूट्यूब से वीडियो अपने फोन गैलरी में डाउनलोड कैसे करते हैं और कैसे उसे नॉर्मल ही हम प्ले कर सकते हैं। आप सब अच्छी तरीके से जानते हैं कि अगर हम हॉटस्टार से यूट्यूब से या फेसबुक से डाउनलोड किए हुए वीडियो हम उसी ऐप के जरिए ही देख सकते हैं हम उन वीडियो को अपने फोन के वीडियो प्लेयर में नहीं चला पाते मैं आपको ऐसा तरीका सिखाऊंगा जिससे आप डाउनलोड किए हुए वीडियो अपने फोन के वीडियो प्लेयर में देख पाओगे

Video download


इसके लिए आपको यहां से एक ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा नीचे लिंक दी हुई है।
https://instube.com/
यह ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है यह इंनसट्यूब की ऑफिशियल वेबसाइट की लिंक है यहां पर आपको वीडियो कैसे डाउनलोड करते हैं फुल एचडी वीडियो कैसे डाउनलोड करते हैं उसकी पूरी जानकारी दी जाएगी।
  अगर यह एप जिप फाइल में आए तो जाने कैसे जिप फाइल ओपन करते हैं यह नीचे लिंक दी हुई है

जिप फाइल ओपन करें

जानकारी ->अगर आप इस एप को क्रोम ब्राउजर से डाउनलोड करते हो तो वहां पर आपको वार्निंग दिखाई देगी कि इस ऐप को डाउनलोड करने से आपके फोन में खराबी हो सकती है इस वार्निंग को आप को नजरअंदाज करना होगा इस वार्निंग का मतलब मैं नीचे समझा दूंगा।
  1) हमें किसी भी सोशियल वेबसाइट के वीडियोलिंक को कॉपी करके इंस्ट्यूब एप में ओपन करना है फिर आप आसानी से उस वीडियो को डाउनलोड कर पाओगे।
  2) हमें शेयर वीडियो का ऑप्शन सिलेक्ट करके इंस्ट्यूब ऐप में वीडियो शेयर करना है अब आप इंस्ट्यूब ऐप से आसानी से वीडियो अपने फोन की गैलरी में डाउनलोड कर पाओगे और उस वीडियो को शेयर भी कर पाओगे।
  3) आप इंस्ट्यूब ऐप को ओपन करके अपने पसंदीदा सोशियल साइट से वीडियो डाउनलोड कर पाओगे।इंस्ट्यूब ऐप की वेबसाइट पर आपको वीडियो डाउनलोड कैसे करते हैं उसकी जानकारी डिटेल में मिलेगी आप वहां से भी जानकारी ले सकते हो।
  अगर आप हॉटस्टार से मूवी डाउनलोड करना चाहते हो तो भी इसी तरीके से डाउनलोड कर पाओगे। यह एप हर सोशल मीडिया के वीडियो पर काम करता है जैसे कि यूट्यूब फेसबुक टि्वटर और करीबन सारे।

रिलीज के दिन ही न्यू मूवी कैसे डाउनलोड करें

खासजानकारी ->जैसे कि मैंने कहा क्रोम ब्राउजर से अगर आप डाउनलोड करते हो तो वार्निंग दिखाई देगी और यह ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है इसका मतलब यह है कि प्ले स्टोर की प्राइवेसी पॉलिसी को यह ऐप नजरअंदाज करता है इस ऐप को कॉपीराइट कंडक्ट की वजह से प्ले स्टोर ने बाहर निकाला है और क्रोम में इसे डाउनलोड करने के लिए वार्निंग दिखाई देता है उसकी वजह यह है कि इसमें बहुत सारे वायरस है इस ऐप में वायरस कैसे चेक करना है वह भी मैं बताऊंगा इसके लिए आप नीचे के लिंक पर जा सकते हैं।


ऐप फाइल और लिंक में वायरस कैसे चेक करें

आप देख सकते हैं कि वायरस टोटल में आपने डाउनलोड की हुई ऐप की फाइल चेक करते हुए आपको बहुत सारे वायरस दिखेंगे।




याद रखें->आप कभी भी प्ले स्टोर के अलावा कहीं और से ऐप डाउनलोड करते हो तो उस फाइल को वायरस टोटल पर जरूर चेक कर ले क्योंकि हो सकता है उसमें ढेर सारे वायरस हो जो आपके फोन को नुकसान पहुंचा सकते हैं जो लोग कॉपीराइट के तहत दूसरे के वीडियो कॉपी करके आपको डाउनलोड कर सकते हैं तो आप के फोन को भी हैंक कर सकते हैं। हमें काफी सावधानी रखनी चाहिए लोगों के बहकावे में नहीं आते हुए हमें अपनी समझ का इस्तेमाल करना चाहिए ना कि फ्री की मूवी डाउनलोड करने के लिए ऐसे वैसे ऐप का इस्तेमाल करें अगर हम प्ले स्टोर से कोई भी ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसमें कोई भी प्रॉब्लम नहीं है यह गूगल का प्ले स्टोर पर हर रोज चेकिंग होता है और अगर उन्हें कोई हानिकारक या वायरस की जानकारी मिलती है तो हमें बताते हैं
अब आप मेरा कहने का मतलब तो समझ चुके होगे फिर भी अगर आप चाहते हो इस तरीके के ऐप को इस्तेमाल करना तो आप कर सकते हो और वीडियो और मूवीस डाउनलोड कर सकते हो वह भी अपने फोन की गैलरी में मेरा काम था आपको ऐप की पूरी जानकारी देना ना कि आप को अंधेरे में रखना कई लोग सिर्फ आपके मतलब का या आप के फायदे की बात बताएंगे और उसके पीछे जो आपको नुकसान होगा उसके बारे में नहीं बताएंगे मैं आपको पूरी बात बता रहा हूं। आप अपनी सूझबूझ से काम ले।

रविवार, 14 जुलाई 2019

app, files or link me virus kaise check kare


app, files or link me virus kaise check kare

  हम आपको किसी भी ऐप फाइल या या लिंक में वायरस है या नहीं यह कैसे पता करें इसके बारे में सिखाएंगे।
Find virus

  कई बार हम इंटरनेट से डाउनलोड करते वक्त वायरस संक्रमित ऐप डाउनलोड कर लेते हैं कई फाइलों में भी वायरस होता है और बहुत सारे लिंक मैं हमें वायरस या फिशिंग ( हैकिंग) का सामना करना पड़ता है।
  आज हम सीखेंगे की किसी भी ऐप फाइल या लिंक में वायरस कैसे चेक करें? सबसे पहले वायरस टोटल सर्च करें
वायरस टोटल लिंक
इसे ओपन कीजिए इसका इंटरफेस कुछ इस इस इंटरफेस कुछ इस तरीके से होगा


इसमें आप फाइल, लिंक या सर्च को चेक कर सकते हैं कि वायरस है या नहीं ऐप को चेक करने के लिए आपने जो इंटरनेट से डाउनलोड किया हुआ ऐप है उस फाइल को चेक करना है इसके लिए फाइल ऑप्शन को चुने फिर डाउनलोड फाइल को चुने अब जो आपने इंटरनेट से ऐप डाउनलोड किया है उसे अपने फोन के फाइल मैनेजर से सिलेक्ट करें अब चेक करें अगर उसने वायरस होगा तो उसे दिखाया जाएगा इस तरीके से।
मैं कुछ example दे रहा हूं जिससे आपकी मदद होगी

लिंक कैसे चेक करें?

Example
वायरस टोटल की लिंक ऑप्शन चुनकर नीचे दी गई लिंक पेस्ट कीजिए और चेक कीजिए
जैसे कि इस लिंक में आपको वायरस मिलेगा
http://goldtraff.com/gw?url=http.goldtraff.com
इस लिंक को वायरस टोटल पर चेक करने पर आप देख पाएंगे कि यह एक फिशिंग लिंक है।
https://mobyetrafmsmt.com/v/a_mobyetrafmsmt.com
इसमें आपको दो Malicious मिलेंगे।
mobyetrafmsmt.com इसे चेक करने पर आपको  दो Malicious मिलेंगे।
आप सोच रहे होंगे'https://' तो सिक्योर साइड हुई फिर इसमें गड़बड़ी कैसे आ सकती है आप सही सोच रहे हो लेकिन अगले लिंक में आपको रीडायरेक्ट करके mobyetrafmsmt.com पर भेजा जाता है जिसमें   दो Malicious है।
http://goldtraff.com/ इसमें एक Suspicious है
http://procracx.com/ इसमें 1Malicious है।
http://1.coolmobithing.com/ इसमें एक फिशिंग पेज है। अब आप समझ गए होंगे कि लिंक को कैसे चेक करते हैं। आप हैकिंग के बारे में जानना चाहते हैं तो इसे क्लिक कीजिए हैकिंग के तरीके

ऐप कैसे चेक करते हैं?

ऐप चेक करने के लिए वायरस टोटल को आप फाइल मोड़ पर रखे चूज फाइल चुने अब आप ने जिस ऐप को डाउनलोड किया है उसकी फाइल चुने और चेक करें। जैसे मैंने इस instube ऐप की फाइल चुनी है। उसे चेक करने पर नीचे दिए गए फोटो की तरह रिजल्ट आया है।

अब आप समझ गए होंगे कि किसी भी ऐप को चेक करने के लिए हमें वायरस टोटल को फाइल मोड में रखना होगा।
फाइल कैसे चेक करते हैं?
फाइल चेक करने के लिए वायरस टोटल को फाइल मोड़ पर रखें और चूज फाइल चुने डाउनलोड पर क्लिक करके फाइल मैनेजर से आपको जो फाइल चेक करनी है उसे चुन लीजिए और इस तरीके से आप फाइल चेक कर सकते हैं।
याद रहे प्ले स्टोर से डाउनलोड किए हुए ऐप को बैकअप लिया हुआ फाइल चेक कर सकते हैं अगर आप प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करते हैं तो उसमें वायरस होने की संभावना नहीं होती क्योंकि गूगल हर रोज उसके ऐप चेक करता है।
अगर आपने प्ले स्टोर का यह यह सेटिंग ऑन नहीं किया हुआ है तो आप नीचे दिए गए तरीके से ओन कर सकते हैं और यह रोज आपके
ऐप चेक करता है अगर उसमें कोई परेशानी या वायरस हो तो आपको जानकारी मिलती है।

Google Play Protect on करें।

1/ प्ले स्टोर ऑन करें
2/ थ्री डॉट मेन्यु चुने
3/ प्ले प्रोटेक्ट चुने
4/ सेटिंग्स चुने
5/ स्कैन डिवाइस फॉर सिक्योरिटी थ्रेट्स ऑन                कीजिए।
6/ इंप्रूव हार्मफुल ऐप डेटीकेशन ऑन कीजिए।

Google Play Protect की मदद से नुकसान पहुंचाने वाले ऐप्लिकेशन से सुरक्षा कैसे मीलती है?

Google Play Protect आपके डिवाइस की सुरक्षा और बचाव करने में सहायता करता है.
'Google Play स्टोर' से कोई भी ऐप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले, यह जांच करता है कि वह सुरक्षित है या नहीं.
यह आपके डिवाइस में दूसरे स्रोतों के संभावित रूप से नुकसान पहुंचाने वाले ऐप्लिकेशन की जांच करता है. नुकसान पहुंचाने वाले ये ऐप्लिकेशन कभी-कभी मैलवेयर कहलाते हैं.
नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी ऐप्लिकेशन के मिलने पर यह आपको चेतावनी देता है और आपके डिवाइस से नुकसान पहुंचाने वाले जाने-पहचाने ऐप्लिकेशन हटाता है.
महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर या उसे गलत तरीके से पेश करके गूगल के अनचाहे सॉफ़्टवेयर नीति का उल्लंघन करने वाले ऐप्लिकेशन के मिलने पर आपको उनके बारे में चेतावनी देता है.
Google Play Protect कैसे काम करता है?
Google Play Protect आपके डिवाइस को सुरक्षित रखता है. यह समय-समय पर आपका डिवाइस स्कैन भी करता है. अगर इसे नुकसान पहुंचा सकने वाला कोई ऐप्लिकेशन मिलता है, तो यह ये काम कर सकता है:
आपको चेतावनी दे सकता है. अगर कोई ऐसा ऐप्लिकेशन मिलता है जो आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकता है, तो आपको एक सूचना मिलेगी. ऐप्लिकेशन को हटाने के लिए, सूचना पर अनइंस्टॉल करें पर टैप करें. Google Play Protect, ऐप्लिकेशन को तब तक के लिए बंद भी रख सकता है जब तक कि आप इसे अनइंस्टॉल नहीं कर देते.
ऐप्लिकेशन को अपने आप हटा सकता है. कुछ मामलों में, अगर नुकसान पहुंचाने वाले ऐप्लिकेशन का पता चला है, तो आपको यह सूचना मिल सकती है कि ऐप्लिकेशन को हटा दिया गया है. इस तरीके से यह हमारी मदद करता है। इसके लिए गूगल को थैंक यू वेरी मच कहना चाहिए।

गुरुवार, 20 जून 2019

Data Structure all error solution हिंदी में.


Data Structure all error solution हिंदी में.

दोस्तों डेटा स्ट्रक्चर के सारे ऐरर को हटाने का तरीका बताऊंगा जैसे image URL, blog ID, post ID, author, date published, headline, image, publisher। इस तरीके से आप करीबन सारे ऐरर हटा पाओगे।

 इसे मैंने 4 से 5 टेंप्लेट पर चेक करके देखा है। सबसे पहले अपनी टेंप्लेट की एक कॉपी बना ले। आप जानते ही होगे यह ऐरर थीम की सेटिंग की वजह से है इसीलिए हमे थीम में एडिटिंग की जरूरत पड़ेगी।
http://schema.org/BlogPosting' मैं ऐरर आ रहा है। मतलब की ब्लॉक पोस्टिंग में गड़बड़ी आ रही हैं
अब थीम को ओपन कीजिए http://schema.org/BlogPosting सर्च कीजिए। आप इस फोटो में देख सकते हो।



आपको यह टेंप्लेट में दो जगह पर दिख सकता है सकता है। यहां हमें दूसरे नंबर पर डेटा पोस्ट इमेज यूआरएल को एडिट करना है।
अब  
<meta expr:content='data:post.firstImageUrl'
की जगह पर
 <meta expr:content='mainEntityOfPage' लिखना है अब आप इसे टेंपलेट मैं सेव करें और इस टेंपलेट को अपने ब्लॉग में सेव करें।आप स्ट्रक्चर्ड डाटा टूल से चेक करें
आप देखेंगे ऐरर जा चुका होगा। आपको अगर फिर भी कोई परेशानी होती है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में बताइए। मैं पूरी कोशिश करूंगा आप की मदद करने की।

More errors
  1. value for the publisher field is required error setting.
  2. a value for the headline field is required.
  3. datePublished structured data error setting.
  4. Valueis required for the image field setting kaise karen.
  5. डेटा स्ट्रक्चर के सारे ऐरर को हटाने का तरीका बताऊंगा जैसे image URL, blog ID, post ID, author, date published, headline, image, publisher। 
आप वीडियो देख सकते हैं।



सोमवार, 10 जून 2019

YouTube Video direct SD card me kaise download Karen


YouTube Video direct SD card me kaise download Karen

 दोस्तों आज मैं आपको यूट्यूब वीडियोस को डायरेक्ट एसडी कार्ड में कैसे डाउनलोड करते हैं उसके बारे में बताऊंगा।
  

1)यूट्यूब गो
  सबसे पहले आप यूट्यूब को अपडेट कर दीजिए अगर नहीं कर सकते तो यूट्यूब गो ऐप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लीजिए।अब ऐप को ओपन कीजिए    ( यूट्यूब गो / या फिर यूट्यूब। अब  यूट्यूब  में  यूट्यूब गो  अपडेट हो चुका है )अब आप राइट साइड में अपने अकाउंट का सिंबॉल देख रहे होगे उसे क्लिक कीजिए अब सारे ऑप्शन आ चुके होंगे अब सेटिंग्स चुने, उसके बाद डाउनलोड चुने, यूज्ड एसडी कार्ड ऑप्शन ऑन कीजिए अगर इस ऑप्शन को ऑन नहीं करते हो तो सारे वीडियो फोन मेमोरी में ही डाउनलोड होंगे।
याद रखें--> अगर आपने पहले यूट्यूब वीडियो मोबाइल मेमोरी में डाउनलोड किया हुआ है और अब यह ऑप्शन ऑन करते हैं तो ऑफलाइन वीडियो जो आपने एसडी कार्ड में डाउनलोड किया है उसे ही देख सकते हो और यह सब इंक्रिप्टेड होता है इसे और कोई ऐप्स (वीडियो प्लेयर / एम एक्स प्लेयर प्लेयर )देखा नहीं जा सकता सिर्फ यूट्यूब मे देखा जा सकता है।
2)en.savefrom.net
इस तरीके में आपको यूट्यूब किसी और ब्राउज़र में ओपन करना होगा जैसे कि क्रोम या और कोई
फिर आप यह लिंक ट्राई कीजिए https://m.youtube.com  इससे आप अपने यूट्यूब पर अकाउंट में वीडियो ओपन कर पाओगे फिर आपको जो वीडियो अच्छा लगे और जिस वीडियो को डाउनलोड करना है उसे चुने अब आप उस वीडियो की लिंक में https://m.youtube.com की जगह
https://ssyoutube.com  इस तरह से सुधार करें अब आपhttps://en.savefrom.net/ पर पहुंच जाओगे अब आप आसानी से वह वीडियो अपने फोन मेंमेरी में डाउनलोड कर सकते हो और उसे किसी भी ऐप जैसे एम एक्स प्लेयर या वीडियो प्लेयर से देख  सकते हो आप चाहे तो इस वेबसाइट से ऐप डाउनलोड करके यूट्यूब से शेयर ऑप्शन को चुनकर इस ऐप की मदद से अपनी पसंद का वीडियो डाउनलोड कर सकते हो यह वीडियो आप की गैलरी में सेव होते हैं। और वीडियो प्लेयर से देख सकते हैं।
3)vidmate.app
आप चाहे तो vidmate.app डाउनलोड कर के भी इसी तरीके से शेयर इट ऑप्शन चुन कर डाउनलोड कर सकते हो vidmate.app प्ले स्टोर पर अवेलेबल नहीं है आप उसे इस लिंक से से भी डाउनलोड कर सकते होVidMate,free downloader for download YouTube videos as MP3/MP4,why still waiting?try it now! https://www.vidmateapp.com/app?f=com.google.android.apps.docs
याद रखें--> विद मेट और ईन सेव फ्रॉम नेट दोनों ऐप को प्ले स्टोर से प्ले प्रोटेक्शन स्कैनिंग से स्कैन नहीं किया जा सकता इस बात से यह पता चलता है कि गूगल प्ले स्टोर इन दोनों एप को नजरअंदाज करता है और अगर इन ऐप में कोई भी वायरस या बग हो तो हमें पता नहीं चलता।

गुरुवार, 30 मई 2019

Facebook ko hacking se kaise bachaye security settings kaise kare two step verification apna account wapas paye.

  Facebook को हैकिंग से बचाएं और सिक्योरिटी सेटिंग कैसे करें?

      हम आपको बताएंगे फेसबुक हैकिंग से बचने के तरीके और सिक्योरिटी सेटिंग के बारे में। हम आप को यह भी बताएंगे कि हैकर किस तरीके से Facebook पर अटैक करते हैं और उनसे हम कैसे बचे। हम आपको सिक्योरिटी सेटिंग्स के बारे में बताएंगे ताकि आप हेकिंग से बच पाए।

      कुछ दिन पहले के न्यूज़ मे आपने भी पढ़ा होगा होगा ही दुनिया की सबसे लोकप्रिय नेटवर्किंग प्लेटफार्म फेसबुक ने कबूला था कि उनके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी हुई थी जिस वजह से Facebook में करीबन 1.40 करोड़ से भी ज्यादा users के प्राइवेट डेटा पब्लिक हो गए थे। facebook के एक सॉफ्टवेयर के बग के कारण 1.40 करोड़ से भी ज्यादा users के प्राइवेट डेटा लीक हो गई थे। हालांकि Facebook ने इस गड़बड़ी की माफी तक मांगी है यह गड़बड़ी 18 मई से 28 के बीच में हुई थी कंपनी के प्राइवेसी ऑफिसर इरीन इग ने एक निवेदन जारी करके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की जानकारी दी थी रिपोर्ट में ऐसा दावा किया था कि कुछ लोगों का मेसेज जो Facebook वॉल पर प्राइवेसी सेटिंग सिलेक्ट किए हुए थे वो जाहिर हो गए थे। इस बग की वजह से नईं पोस्ट को पब्लिक कर दिया था फीर चाहे कीसी यूजर्स ने उसे प्राइवेट सेटिंग्स मै फ्ररेन्ड ओनली सीलेँकट किया हुआ हो। प्राइवेसी ऑफिसर इरीन इग ने बताया है कि उन लोगों को यह जानकारी दी जाएगी जिनके साथ यह गड़बड़ी हुई है। Facebook पर Apple, Samsung ,अमेजॉन ऐसी 60 कंपनियों को डाटा शेयर करने का आरोप है। हम इन गडबड़ी से तो नहीं बच सकते लेकिन अब हमें फीर से सीकीयोरीटी सेटिंग्स करना होगा।
फेसबुक हैकिंग से बचने के लिए कौन सा सेटिंग करें?
फेसबुक में लॉग इन करने के बाद राइट साइड पर 3 लाइन वाले आईकॉन को क्लिक कीजिए अब नीचे जाके सेटिंग और प्राइवेसी वाला  मेन्यू चुनें।
अब आप तीसरे नंबर पर लैंग्वेज ऑप्शन चुनें और आप लैंग्वेज में हिंदी को चुन लीजिए हिंदी भाषा चुनने से आप को समझने में आसानी होगी अब आप सेटिंग और सुरक्षा और लॉगइन के सेटिंग चुनें अब अतिरिक्त सुरक्षा सेटिंग में ,इसे चुनें।
1,अनजान लोग इन के लिए अलर्ट ।

अनजान लोग इन के लिए अलर्ट वाला ऑप्शन चालू कीजिए। इस ऑप्शन को चालू करने से जो भी आपके अकाउंट पर लॉगिन करोगे आप उस फोन से या जिस कंप्यूटर से  लॉगइन किया है उसकी सारी जानकारी आपको दी जाएगी। इस ऑप्शन को ऑन करने से  आप देख पाएंगे कि आपने किस फोन से या किसी और ब्राउज़र से आपने लॉग-इन किया हुआ है अगर आपको कोई ऐसा ब्राउज़र या फोन की जानकारी मिले जिससे आपने लॉग-इन नहीं किया है? तो आप अपना पासवर्ड बदल कर सेफ हो सकते हैं। और उसमें आप अनजान लोग -इन से लोग आउट भी कर सकते हो। इस सेटिंग से आपको आपके खाते में किए हुए लोग -इन के बारे में जानकारी देता है। कई बार आप अलग अलग जगह से लॉगइन करते हैं जैसे कि Chrome browser , UC Browser या फिर कोई अन्य। इस सेटिंग से आपको बाद में लॉग आउट होने की भी सुविधा मिलती है।आप अनजान जगह से लॉगिन किए हुए ब्राउज़र से लॉग आउट हो सकते हैं।
  2, दो चरणों वाले प्रमाणीकरण का उपयोग करें।
  दो चरणों वाले प्रमाणीकरण के साथ अतिरिक्त सुरक्षा जोड़े। इस सेटिंग को शुरू करने से हम अनजान लोग- इन से बच सकते हैं। इसको 2 तरीके से शुरू किया जा सकता है।
1, एस एम एस पे कोड भेज के।
2, किसी एप्लीकेशन की मदद लेकर।
  1, इस ऑप्शन में आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाना होगा और आपको कोई कोड भेजना होगा।
  2, प्रमाणीकरण एप्लीकेशन सेटिंग्स Google Authenticator याDuo Security जेसी एप्लीकेशन की मदद से किया जाता है आप एक बार इस एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर लेते हैं फिर आप इस खाते को सेट कर सकते हैं। इस सिस्टम को ऑन करने से आप पूरी तरीके से हैकिंग से बच सकते हैं।
  3, अगर आप लोग आउट हो जाते हो तो संपर्क करने के लिए 3 से 5 मित्र को चुने।
  इस सेटिंग को ऑन करने से हम गलती से कभी भी लोग आउट हो जाते हैं या हमारा अकाउंट हैक हो जाता है तो हम अपने दोस्तों की मदद लेकर हम फिर से लॉगइन कर सकते है।
4, सुरक्षित ब्राउजिंग
  इस सेटिंग को ऑन करने से अगर आप फेसबुक के माध्यम से संभावित रूप से किसी असुरक्षित या भ्रामक वेबसाइट पर नेविगेट करने की कोशिश करते हैं तो यह चेतावनी दिखाई दी जाती है। इस सेटिंग्स को हमेशा ऑन रखिए।
  आप इन सेटिंग्स को ऑन कर के अतिरिक्त सुरक्षा पा सकते हैं ।जैसे कि कभी आप गलती से लॉग आउट हो जाए  तो आपके दोस्त आपको मदद कर सकते हैं । या कोई हैकर आपका पासवर्ड  बदल दे तो भी आप अपने अकाउंट को वापस ला सकते हैं। अगर कोई  आपके अकाउंट के पासवर्ड को हैक करले तो भी  वह आपका खाता एक्सेस नहीं कर पाएगा क्योंकि उसे आपके खाते को ओपन करने के लिए आपको भेजा हुआ s.m.s. में कोड डालना पड़ेगा। कई बार ऐसा भी होता है कि कोई हैकर आपके अकाउंट को हैक कर लेता है और आपके पासवर्ड तक बदल देता है इन हालात में आपको अपना अकाउंट रिकवर करने में काफी परेशानी हो सकती है। अगर आपने इन सेटिंग्स को ऑन किया हुआ है तो आप अपने दोस्तों की मदद से अपना अकाउंट फिर से पा सकते हैं। आपको फेसबुक में लॉगिन करके अपना आईडी देकर फेसबुक पर  फेसबुक के सहायता केंद्र में जाकर अपने दोस्तों को पासवर्ड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कह सकते हैं। इस तरह से आप खोया हुआ अकाउंट फिर से एक्सेस कर सकते हैं।

अपना खोया हुआ फेसबुक अकाउंट कैसे पाए?

अगर आप अपना फेसबुक अकाउंट खो चुके हो और लोग इन नहीं कर पा रहे हो तो आपको लॉग इन करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर जो भी आपने लॉग-इन करने वक्त चुना था उसे डालो और फेसबुक सहायता केंद्र कि मदद लेकर अपना अकाउंट वापस पा सकते हो।अगर आपको अपना खाता ढूँढें पेज में से अपने खाते में लॉग इन करने में समस्या हो रही है, तो ये युक्तियाँ आज़माएँ:
अपने किसी Facebook मित्र को आपकी प्रोफ़ाइल का अपने बारे में अनुभाग देखकर आपको संपर्क जानकारी अनुभाग में सूचीबद्ध ईमेल पता या फ़ोन नंबर भेजने के लिए कहें.
अपने स्वामित्व वाला हर ईमेल पता या मोबाइल नंबर डाल कर कोशिश करें (एक समय में एक). हो सकता है कि आपने अपने खाते में कोई ईमेल पता या मोबाइल नंबर जोड़ा हो और उसके बारे में भूल गए हों.
अपना उपयोगकर्ता नाम डालें. आपका उपयोगकर्ता नाम आपका वैयक्तिकृत Facebook URL होता है:
अगर आपको अपना उपयोगकर्ता नाम नहीं पता है, तो किसी मित्र को अपनी प्रोफ़ाइल पर जाकर आपको URL में मौजूद उपयोगकर्ता नाम भेजने के लिए कहें.
अपने नाम के विविध रूप डालकर कोशिश करें, हो सकता है कि आपने अपने उपनाम का उपयोग करके साइन अप किया हो.
अगर आपको किसी मित्र का नाम डालने के लिए कहा जाता है, तो आपके द्वारा आज़माया गया पहले मित्र के खाता ढूँढने में असमर्थन रहने पर अलग-अलग मित्रों के साथ कोशिश करें. याद रहे, अपने मित्र का पूरा नाम डालें, न कि केवल उनका पहला नाम.
अगर आपको लगता है कि आपके खाते पर किसी और ने कब्ज़ा कर लिया है, तो फेसबुक सहायता केंद्र कि मदद ले।

    गोपनीयता सेटिंग।
  यह सेटिंग आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस सेटिंग से आप किसी अनजान शख्स से अपनी पोस्ट शेयर होने से रोक सकते हो।
  कुछ महत्वपूर्ण सेटिंग जांचें इस ऑप्शन को सिलेक्ट कीजिए खुद की गोपनीयता की जांच शुरूकीजिए यह तय कीजिए कि आप की अगली पोस्ट कौन देख सकता है। इसमें आप सार्वजनिक रख सकते हैं। आपकी प्रोफाइल की गोपनीयता इसमें आपको यह निश्चित करना है कि आप के फोन नंबर ईमेल आईडी जन्म तारीख और सभी तरह की जानकारी कौन देख सकता है अगर आप चाहे ,आपके मित्र देखें तो यह सुनिश्चित कर लीजिए कि सेटिंग में सिर्फ मित्र को चुने अगर आप सार्वजनिक रखते हैं तो यह हर कोई इंसान देख सकता है और आपके फोन नंबर भी इस्तेमाल कर सकता है। उन्हें आपका ईमेल आईडी जन्म तारीख और वह सभी जानकारी जो आपने फेसबुक में भरी है वह उपलब्ध हो जाएगी इसीलिए आपको यह सुनिश्चित करना है कि इसे कौन देख पाए सार्वजनिक मित्र या सिर्फ केवल में। अगर आप केवल में चुनते हैं तो यह गोपनीयता आपके दोस्तों तक भी नहीं पहुंच पाएगी इससे आपकी निजी जानकारी किसी और तक नहीं पहुंच पाएगी। इसके बाद आपकी एप्लीकेशन गोपनीयता यह भी बहुत जरूरी है कि आप सुनिश्चित कीजिए कि आप कौन सी एप्लीकेशन यूज कर रहे यह कौन देख सकता है। इसमें भी केवल में का ऑप्शन चुनें ताकि आपके दोस्त या कोई और आप कौनसी एप्लीकेशन यूज कर रहे हो नहीं देख पाए  आप इन तरीकों का इस्तेमाल करके हैकिंग से और निजी जानकारियों शेयर और होने से बच सकते हो।
  फेसबुक हैक करने के लिए लोग आजकल नए नए तरीके आजमा रहे है। मैं आज आपको कुछ नए और पुराने तरीकों के बारे में बताऊंगा।

हैकिंग के तरीके

    1.  Fishing method
   जी हां दोस्तों यह सबसे पुराना और आसान तरीका है। फिशिंग का मतलब यह होता है कि हैकर आपको कोई भी एक ऐसे लिंक भेजेगा जो आपको कोई भी फेसबुक या ट्विटर का कोई भी ऐसे वेबसाइट की और आप को आकर्षित करेगा। अगर आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपका अकाउंट हैक हो सकता है। हम अक्सर ओटो साइन इन ऑन रखते हैं। इस सिस्टम की वजह से हम किसी भी लिंक को क्लिक करते हैं और वहां हमें साइन इन करना होता है, तो वह खुद-ब-खुद  साइन इन  हो जाता है इसलिए हमें पता ही नहीं चलता कि हमने इस लिंक पर साइनिंग  कर लिया है और हमारा अकाउंट सेफ नहीं रहता इसलिए हमारा ईमेल आईडी पासवर्ड हैकर के पास चले जाते हैं।
फिशिंग करने के दो तरीके हैं।
1. किसी हैकिंग वेबसाइट को होस्ट करके , जैसे कि जेड शैडो यह एक हैकिंग के लिए बनाई गई वेबसाइट है।
2. अपना खुद का सर्वर पर बनाकर किसी को हैक करना। यह थोड़ा मुश्किल काम है इसके लिए उन्हें 4G कनेक्शन और कुछ टूल्स का इस्तेमाल करना पड़ता है।
    इससे बचने के उपाय।
  ऐसी भेजी हुई किसी भी लिंक को आप क्लिक ना  करें। किसी अनजान शख्स के भेजे हुए लिंक पर क्लिक मत कीजिए। एचटीटीपीएस वाली लिंक को ही क्लिक कीजिए https वाली लिंक हमेशा सही होती है। और अगर हो सके तो ओटो साइनिंग सिस्टम ऑफ कर लीजिए इससे यह फायदा होगा कि आपको पता  चलेगा कि आप कहां पर साइन इन कर रहे है।
2. Keylogger hacking
  इसके तो नाम से ही पता चल जाता है। की हैकर कीलॉगर नाम का टूल आपके मोबाइल या कंप्यूटर में इंस्टॉल करके सारे इंफॉर्मेशन निकाल लेता है। कीलॉगर टूल वह होता है जिससे अब कुछ भी चीज टाइप करें जैसे कि लॉगइन करने के वक्त किया हुआ पाiसवर्ड तक वह सब रिकॉर्ड होता है, और वह सब हैकर के पास FTP या ईमेल के जरिए पहुंच जाता है। कुछ ऐसे भी  कीलॉगर होते हैं जो कुछ समय के बाद खुद ब खुद अनइनस्टॉल हो जाते हैं जिससे आपको पता ही नहीं चलता कि आपके साथ साथ क्या हुआ था।
  कैसे बचे?
1. अपने कंप्यूटर या मोबाइल को किसी अजनबी के हाथ ना आने दे।
  2.  किसी और के कंप्यूटर में या मोबाइल में लॉगइनना करें अगर करना ही पड़ता है तो वर्चुअल कीबोर्ड यूज करें।
3.  अपने कंप्यूटर या मोबाइल में किसी अजनबी के भेजे हुए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल मत करें और एक अच्छा एंटीवायरस यूज़ करें।
  3 सेशन हाईजैकिंग मेथड।
   इस मैधड में हैकर आपके ब्राउज़र की कूकीज को हैक करता है। कुकिस उसको कहते हैं जब आप कोई ब्राउजर यूज करते हो और उसमें से कुछ भी सर्च करके उस वेबसाइट पर बिताए हुए समय तक आपने जो सर्च किया है वह सब एक कूकीज के रूप में ब्राउज़र में जमा हो जाती  है ।कूकीज का मतलब होता है एक ऐसी छोटी फाइल जिसमें आपने जो सर्च किया है वह याद रह सके ताकि जब आपको दोबारा उस चीज की जरूरत पड़े तो वह आसानी से एक्सेस कर पाए । इसीलिए हैकर कूकीज का इस्तेमाल हैकिंग के लिए करते हैं। कूकीज एक ऐसी छोटी फाइल है जिसका इस्तेमाल करके हैकर को आपके पासवर्ड की जरूरत नहीं पड़ती।   हमारे कंप्यूटर डिवाइस ( डेस्कटॉप और लैपटॉप ) में कई प्रकार की फाइलें होती हैं। कुकीज भी हमारे कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव ( Hard Drive ) में मौजूद एक सामान्य टेक्स्ट फाइल ( Text File ) ही है, जो वेब पेज सर्वर  द्वारा हमारे कंप्यूटर में सेव हो जाता है। टेक्स्ट फाइल होने के कारण इसका फाइल एक्सटेंशन txt होता है। इंटरनेट कुकीज के कई नाम है जैसे - वेब कुकीज ( Web Cookies ), ब्राउजर कुकीज ( Browser Cookies ) और एचटीटीपी कुकीज ( HTTP Cookies )|
    कुकीज का मुख्य काम सर्वर को इस बात की सूचना देना है कि इंटरनेट यूजर किसी वेब पेज को दोबारा खोलने या एक्सेस करने के लिए वापस लौटा है। कुकीज की सहायता से इंटरनेट यूजर्स के डाटा ( Data ) और समय दोनों की ही बचत होती है।
इसे आप इस तरह समझ सकते हैं। मान लीजिए, इंटरनेट पर आपने गूगल अकाउंट के वेब पेज पर खुद को किसी सर्विस के लिए रजिस्टर किया है। अगली बार जब आप उस वेब पेज पर फिर से वापिस लॉगिन करेंगे, यानी एक्सेस करते हैं तो आपको सारी सूचनाएँ ( जैसे - ईमेल आईडी या यूजरनेम ) फिर से भरनी नहीं पड़ती है। यहीं पर ये कुकीज हमारे बहुत काम आती है।
           दरअसल कुकीज आपके लिए एक तरह के आइडेंटिफिकेशन कार्ड के रूप में काम करता है। इंटरनेट की दुनिया में एडवरटाइजिंग साइट्स और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के लिए इंटरनेट कुकीज एक बहुत ही उपयोगी टूल है, जो इंटरनेट सर्फिंग को आसान और तेज बना देता है। कुकीज का इस्तेमाल इंटरनेट पर लॉगइन के लिए ऑथेंटिकेशन टूल के रूप में किया जाता है।
   कुकीज कई प्रकार के होते हैं, जिनके अलग-अलग काम होते हैं।
1,सेशन कुकीज ( session cookies )
2,परसिस्टेंट कुकीज ( persistent cookies )
3, सिक्योर कुकीज ( secure cookies )
4एचटीटीपी ओनली कुकीज ( HTTP only cookies )
    बचने के लिए क्या करें?
किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना मोबाइल या कंप्यूटर चलाने ना दे।
      4, मैन इन ध मिडल अटैक।
मैन इन ध मिडल अटैक में हैकर यूजर और सरवर के बीच के कनेक्शन को हैक करता है। इनडायरेक्टली वो सर्वर को हैक करता है।
      बचने के लिए क्या करें?
पब्लिक वाईफाई या अनजाने वाईफाई का यूज मत करें।
       5, रेट अटैक
  इसका मतलब है रिमोट एक्सेस टूल। हैकर एक  सिंपल सी फाइल बनाकर आपके कंप्यूटर में इंस्टॉल कर लेता है।और यह फाइल एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद आपके कंप्यूटर पर हैकर का पूरा कब्जा  हो जाता है।
      बचने के लिए क्या करें?
  किसी भी अनजान फाइल को इंस्टॉल मत करें ।
     6,वायरस,ट्रोजन,इत्यादि
  वायरस या ट्रोजन एक ऐसा टूल है जिससे हैकर आपके सिस्टम में इनस्टॉल करके, हैकर आपके सिस्टम को पूरी तरह से हैक कर लेता है।
   बचने के लिए क्या करें?
  एक अच्छा एंन्टीवायरस यूज़ करें  जो वायरस या ट्रोजन को अच्छी तरह से ढूंढ के नष्ट कर सके।
7, वाईफाई हैकींग
वाईफाई हैकिंग का नाम सुनते ही आप सोचने लगे होगे कि किसी वाईफाई सर्वर को हैक करके मुफ्त में इंटरनेट यूज करना ।जी नहीं मैं इसके बारे में बात नहीं कर रहा हूं मैं इससे भी बढ़कर और खतरनाक हैकिंग के बारे में बात कर रहा हूं। कुछ लोग जयंती जैसे ऐप यूज करके  हैकिंग कर रहे हैं । यह हैकिंग एक ही वाईफाई सर्वर से जुड़े हुए दो डिवाइस के बीच में हो सकती है। इससे इस तरह की हैकिंग मुमकिन है।
1, चेंज डिवाइस मैक ऐड्रेस।
2, क्रिएट मिलिकियस वाईफाई हॉटस्पॉट।
3, हाईजैक एचटीटीपी(http) सेशन।
4, कैप्चर डाउनलोड।
5, मोडीफाई एचटीटीपी रिक्वेस्ट एंड रीस्पोनसीस।
6, एक्सप्लॉयड राउटर्स।
7, एडिट पासवर्ड।
8, चेक डिवाइस फॉर सेल शॉक्स एंड एस एस एल पुडेल  वेलनब्रेटी(vulnerability). ऐसे खतरनाक टुल जयंती ऐप मे इंस्टॉल होते हैं। इस ऐप की मदद से हैंकर आपके पासवर्ड तो चुराही सकता है लेकिन वह यह भी तय कर सकता है कि आप कौन सी वेबसाइट पर सर्च करें मतलब कि वो आपके सर्च पर भी कंट्रोल कर लेता है।मैं अपनी अगली पोस्ट में इसके बारे में डिटेल में बताऊंगा आप मुझे कॉमेंट बॉक्स में जाकर सवाल या सलाह दे सकते हो। आपके कॉमेंट से ही मुझे अगली पोस्ट बनाने की प्रेरणा मिलेगी।
      बचने के लिए क्या करें?
पब्लिक वाईफाई या अनजाने वाईफाई का यूज मत करें।
8, क्लिक हैकिंग
  इस तकनीक में हैकर हमें कोई ट्रस्टेड वेबसाइट का यूआरएल दिखा कर किसी दूसरे यूआरएल पर ले जाता है।
  एग्जांपल के तौर पर अगर आप किसी वेबसाइट का यूआरएल क्लिक करते हो और कोई अनजाने चीज खुलकर सामने आ जाती है जैसे कि आपने किसी फिल्म का यूआरएल देखकर उसे क्लिक किया और आपको किसी एप्स को डाउनलोड करने के लिए क्लिक करने को कहा जाए।
      बचने के लिए क्या करें?
  हमें ऐसे लिंक  से बचना चाहिए और ब्राउज़र में सिक्योरिटी अलर्ट ऑन रखने चाहिए।
9, फाइल का नाम बदलकर
इस तकनीक में हैकर अपनी फाइल का नाम इस तरह से बदल देता है जिससे आपको उस पर जल्दी से ट्रस्ट कर सको। वो किसी सॉफ्टवेयर को फोटो या फाइल में कन्वर्ट करके आपको भेजता है और आप वहां फोटो या फाइल सिलेक्ट करते हैं तो वह सॉफ्टवेयर भी ऑन होता है और आप की जानकारी हैकर तक पहुंच जाती है।
      बचने के लिए क्या करें?
आप किसी अंजान शख्स के भेजे हुए फाइल फोटोज को सेव मत कीजिए। एक अच्छा एंटीवायरस यूज कीजिए और अगर आपको किसी फाइल या वेबसाइट के लिंक पर संदेह हो तो उसे वायरस टोटल के लिंक पर चेक कर सकते हो अगर उसमें वायरस ट्रोजन या कुछ भी होगा तो आप ऑनलाइन चेक कर सकते हो। उसकी मैं एक लिंक आपको दे रहा हूं।
   वायरस टोटल  
10, स्पाई एप
हैकर आपके मोबाइल या कंप्यूटर में एक ऐसी एप्लीकेशन इंस्टॉल कर देता है,जिससे आपका मोबाइल या कंप्यूटर रिमोटली वह एक्सेस कर सकता है। आप के व्हाट्सएप मैसेजेस ई-मेल और कॉल रिकॉर्ड्स भी देख सकता है। हैकर इन एप को आपके मोबाइल या कंप्यूटर में हाइड करके रखता है।
      बचने के लिए क्या करें?
हमें ऐसी एप्लीकेशन या ऐप को ढूंढ के अनइनस्टॉल कर देना चाहिए। आमतौर पर यह सारे ऐप हाइड किए हुए होते हैं यह हमें सेटिंग्स में एप मैनेजमेंट में  देख सकते हैं। हमें उन्हें पहचान के अनइनस्टॉल कर लेना चाहिए।
11, ब्रूट फोर्स अटैक
  ब्रूट फोर्स ऐक पासवर्ड हैकिंग टेक्निक्स है।इसमें हैकर कीसी पासवर्ड को क्रैक करने के लिए किसी प्रोग्राम की हेल्प से सिस्टम या फाइल पर अटैक करता है। इस प्रोसेस बहुत लंबी चल सकती है अगर पासवर्ड सिंपल है तो जल्दी क्रेक हो जाएगा अगर हार्ड है तो कई घंटे या महीना भी लग सकते हैं।
      बचने के लिए क्या करें?
हमें अपना पासवर्ड हार्ड रखना चाहिए हो सके तो 13 से 15 कैरक्टर्स का होना चाहिए। जिसे हैक करने को महीनों नहीं बरसो लगे।
Example -/ Bharat m sajnani
bH#:%arat$¥√MsA∆}πjnANi.
क्योंकि  A=a नहीं होता.दोंनो अलग-अलग है।
इसके अलावा भी हैकर्स वेबसाइटों पर पर कुछ इस तरह के हमले कर सकते हैं।
 denial of service (Dos)
इस अटैक में हैकर  किसी वेबसाइट पर बहुत सारा ट्राफिक भेजकर उसे स्लो कर देता है। इस तकनीक में हैकर सरवर पर डायरेक्ट एक्सेस के बिना उस पर बहुत सारे पींग भेज के वेबसाइट को है करता है।
cross site scripting (XSS)
इस तकनीक में एक वेबसाइट पर जावा स्क्रिप्ट के बहुत सारे कोड ट्राय  करते हैं जिससे उसको वीक पॉइंट्स मिल पाए।
SQL injection attack
यह एक डाटा बेस ‌तकनीक है। हैकर वेबसाइट पर बहुत सारे एस क्यू  ऐल कोड टेस्ट करके उसमें वीकनेस ढूंढता है। एक बार वीकनेस जानने के बाद  पूरे डाटा बेस को चेंज ओर डिलीट भी कर सकता है।
 dstributed DoSs
इस तकनीक में सरवर को स्लो या क्रैश किया जाता है इस अटैक में सरवर पर बहुत सारा ट्राफिक भेजा जाता है ताकि वो जल्द ही बंद हो जाऐ।
usb attack
इस तकनीक में हैकर आपके कंप्यूटर में usb पेन ड्राइव जोड़कर आपके पासवर्ड और फाइल को कॉपी कर सकता है। अगर आप अपने पासवर्ड browser में रखते हैं तो वह आसानी से कॉपी हो जाते हैं और वह हैंकर के पास चले जाते हैं।

आप मुझे कॉमेंट बॉक्स में जाकर सवाल या सलाह दे सकते हो। होसकता है कि मैं अपनी अगली पोस्ट आप के लिए बनाउ।

Two step verification hack ya bye pass ho sakta hai Modlishka tool se.


मोडलिस्का टूल से टू स्टेप ऑथेंटिक बायपास (हैक) हो सकता है। हाल ही में इंटरनेट पर इस विषय के बारे में बहुत  चर्चा हो रही है की मोडलिस्का टूल से टू स्टेप ऑथेंटिक बायपास (हैक) हो सकता है।

   सुरक्षा शोधकर्ता पिओटर डस्ज़िनस्की (Piotr Duszyński ) ने यह जानकारी दी है कि मोडलिस्का टूल से टू स्टेप वेरीफिकेशन को भी हैक या बायपास किया जा सकता है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए यह बताया है की उन्होंने कैसे टू स्टेप वेरीफिकेशन को हैक किया। उस वीडियो का लिंक नीचे दे रहा हूं।
https://vimeo.com/308709275
     उन्होंने कहा है कि यह पब्लिक करने की वजह यह है कि वह लोगों को हैकिंग से बचा सके। कोई भी हैकर इस तरीके का टूल इस्तेमाल करके  टू स्टेप वेरीफिकेशन को हैक कर सकता है।
मोडलिस्का टूल क्या है?
 
       एक रिवर्स-प्रॉक्सी टूल है, जो एक हमलावर को अपना पासवर्ड और उनका 2FA कोड देने के लिए एक टारगेट को हैक करने की अनुमति देता है।
मोडलिस्का टूल कैसे काम करता है?
            दूसरे शब्दों में, यह एक प्रॉक्सी है जो एक उपयोगकर्ता और उनकी इच्छित साइट के बीच में है। लक्ष्य को पूरी तरह से स्पूफ वेबसाइट दिखाने के बजाय, प्रॉक्सी वास्तविक वेबसाइट से उपयोगकर्ता को वास्तविक सामग्री दिखाता है। इससे किसी को भी यह पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि वे घोटाला(हैक) कर रहे हैं।
     ओर Modlishka उपयोगकर्ता से वेबसाइट पर आगे-पीछे होने वाले सभी ट्रैफ़िक को स्वीकार करता है। दूसरे शब्दों में, एक हमलावर उस पासवर्ड और प्रमाणीकरण कोड को देख सकता है जिसे उपयोगकर्ता डालता है और वास्तविक समय में टारगेट के वास्तविक खाते तक पहुंच प्राप्त करता है।
 
 फेसबुक हैकिंग से बचे


     यह उपकरण आसानी से प्राप्त किया जा सकता है  और इसे गिथब  वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है, और जब इसे व्हाइट हैट सुरक्षा शोधकर्ताओं को लक्षित ( यह जांच पड़ताल करें कि यह टूल कौन कौन सी कमियां ढूंढता है) किया जाता है, तो कोई भी हैकर को, इस उपकरण (टूल) का उपयोग करने से रोक नहीं सकता है। मोडलिस्का टूल की जिप फाइल यहां से डाउनलोड कर सकते है।
https://github.com/drk1wi/modlishka/zipball/master

  मोडलिस्का टूल कैसे इस्तेमाल किया जाता है?
      सुरक्षा शोधकर्ता पिओटर डस्ज़िनस्की (Piotr Duszyński ) के मुताबिक यह सॉफ़्टवेयर इस तथ्य को सिद्ध करेगा कि सोशल इंजीनियरिंग एक गंभीर खतरा है, और इसे हल्के ढंग से नहीं लिया जा सकता है। मोडलिस्का टूल फिशिंग मेथड से काम करता है। ओर वेबसाइट को रीडायरेक्ट करता है।


     आसान भाषा में कहूं तो टारगेट और वेबसाइट के बीच में आकर मैन इन मिडल अटैक करता है। नीचे दिए हुए फोटो से समझाता हूं।

   आप देख सकते हैं मोडलिस्का टूल टारगेट और वेबसाइट के बीच में  मैन इन मिडल  का काम कर रही है इससे यह होगा जब टारगेट कभी भी सर्च करेगा वेबसाइट पर तो सारा डाटा मोडलिस्का टूल  में चला जाएगा जैसे कि पासवर्ड, ईमेल आईडी, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड। अब हैकर उसकी टी ऐल ऐफ सर्टिफिकेट वाली वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर देगा देगा।        
वेबसाइट रीडायरेक्ट होने की वजह से टारगेट को पता नहीं चलता कि उसका अकाउंट हैक हुआ है। इस तरह से हैकर टू स्टेप वेरीफिकेशन को हैक कर सकता है। मैं आपको कुछ वेबसाइट दे रहा हूं जिससे आपको मोडलिस्का टूल के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी।

क्या हमें 2FA का उपयोग बंद कर देना चाहिए?
    बिलकुल नहीं।
हां, 2FA से समझौता किया जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह एक बेहतर विकल्प है। गूगल इसके लिए कार्यरत है और वह इस पर नजर रखे हुए हैं। सुरक्षा शोधकर्ता अभी भी 2FA का उपयोग करने की अत्यधिक सलाह देते हैं। वे इस बात से सहमत हैं कि यह सुविधा भविष्य की सभी सुरक्षा के लिए अंतिम नहीं है, लेकिन यह सही दिशा में एक कदम है। अगर आप चाहे तो यूनिवर्सल 2 फैक्टर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  यूनिवर्सल 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन (U2F) 
यूनिवर्सल टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक यूएसबी डिवाइस की तरह आता है। इसके इस्तेमाल से फिशिंग,  मैन इन घ मिडल अटैक और वेबसाइट के लिंक को रीडायरेक्ट करना इस तरह के  प्रोग्राम को रोका जा सकता है। इसका फोटो नीचे दिया गया है।

      यह इस्तेमाल में भी बहुत आसान है। जब आप इसका इस्तेमाल फोन में या कंप्यूटर में करते है तभी आप साइन  कर  पासवर्ड डाल सकते है।और अगर हैकर के पास पासवर्ड होने के बावजूद भी वह आपका अकाउंट एक्सेस नहीं कर पाएगा अब तक की यह श्रेष्ठ प्रणाली (सिस्टम )है।
   आप कमेंट बॉक्स में जाकर सलाह या सूचना दे सकते हैं।