हम आपको बताएंगे फेसबुक हैकिंग से बचने के तरीके और सिक्योरिटी सेटिंग के बारे में। हम आप को यह भी बताएंगे कि हैकर किस तरीके से Facebook पर अटैक करते हैं और उनसे हम कैसे बचे। हम आपको सिक्योरिटी सेटिंग्स के बारे में बताएंगे ताकि आप हेकिंग से बच पाए।
कुछ दिन पहले के न्यूज़ मे आपने भी पढ़ा होगा होगा ही दुनिया की सबसे लोकप्रिय नेटवर्किंग प्लेटफार्म फेसबुक ने कबूला था कि उनके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी हुई थी जिस वजह से Facebook में करीबन 1.40 करोड़ से भी ज्यादा users के प्राइवेट डेटा पब्लिक हो गए थे। facebook के एक सॉफ्टवेयर के बग के कारण 1.40 करोड़ से भी ज्यादा users के प्राइवेट डेटा लीक हो गई थे। हालांकि Facebook ने इस गड़बड़ी की माफी तक मांगी है यह गड़बड़ी 18 मई से 28 के बीच में हुई थी कंपनी के प्राइवेसी ऑफिसर इरीन इग ने एक निवेदन जारी करके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की जानकारी दी थी रिपोर्ट में ऐसा दावा किया था कि कुछ लोगों का मेसेज जो Facebook वॉल पर प्राइवेसी सेटिंग सिलेक्ट किए हुए थे वो जाहिर हो गए थे। इस बग की वजह से नईं पोस्ट को पब्लिक कर दिया था फीर चाहे कीसी यूजर्स ने उसे प्राइवेट सेटिंग्स मै फ्ररेन्ड ओनली सीलेँकट किया हुआ हो। प्राइवेसी ऑफिसर इरीन इग ने बताया है कि उन लोगों को यह जानकारी दी जाएगी जिनके साथ यह गड़बड़ी हुई है। Facebook पर Apple, Samsung ,अमेजॉन ऐसी 60 कंपनियों को डाटा शेयर करने का आरोप है। हम इन गडबड़ी से तो नहीं बच सकते लेकिन अब हमें फीर से सीकीयोरीटी सेटिंग्स करना होगा।
फेसबुक हैकिंग से बचने के लिए कौन सा सेटिंग करें?
फेसबुक में लॉग इन करने के बाद राइट साइड पर 3 लाइन वाले आईकॉन को क्लिक कीजिए अब नीचे जाके सेटिंग और प्राइवेसी वाला मेन्यू चुनें।
अब आप तीसरे नंबर पर लैंग्वेज ऑप्शन चुनें और आप लैंग्वेज में हिंदी को चुन लीजिए हिंदी भाषा चुनने से आप को समझने में आसानी होगी अब आप सेटिंग और सुरक्षा और लॉगइन के सेटिंग चुनें अब अतिरिक्त सुरक्षा सेटिंग में ,इसे चुनें।
1,अनजान लोग इन के लिए अलर्ट ।
अनजान लोग इन के लिए अलर्ट वाला ऑप्शन चालू कीजिए। इस ऑप्शन को चालू करने से जो भी आपके अकाउंट पर लॉगिन करोगे आप उस फोन से या जिस कंप्यूटर से लॉगइन किया है उसकी सारी जानकारी आपको दी जाएगी। इस ऑप्शन को ऑन करने से आप देख पाएंगे कि आपने किस फोन से या किसी और ब्राउज़र से आपने लॉग-इन किया हुआ है अगर आपको कोई ऐसा ब्राउज़र या फोन की जानकारी मिले जिससे आपने लॉग-इन नहीं किया है? तो आप अपना पासवर्ड बदल कर सेफ हो सकते हैं। और उसमें आप अनजान लोग -इन से लोग आउट भी कर सकते हो। इस सेटिंग से आपको आपके खाते में किए हुए लोग -इन के बारे में जानकारी देता है। कई बार आप अलग अलग जगह से लॉगइन करते हैं जैसे कि Chrome browser , UC Browser या फिर कोई अन्य। इस सेटिंग से आपको बाद में लॉग आउट होने की भी सुविधा मिलती है।आप अनजान जगह से लॉगिन किए हुए ब्राउज़र से लॉग आउट हो सकते हैं।
2, दो चरणों वाले प्रमाणीकरण का उपयोग करें।
दो चरणों वाले प्रमाणीकरण के साथ अतिरिक्त सुरक्षा जोड़े। इस सेटिंग को शुरू करने से हम अनजान लोग- इन से बच सकते हैं। इसको 2 तरीके से शुरू किया जा सकता है।
1, एस एम एस पे कोड भेज के।
2, किसी एप्लीकेशन की मदद लेकर।
1, इस ऑप्शन में आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाना होगा और आपको कोई कोड भेजना होगा।
2, प्रमाणीकरण एप्लीकेशन सेटिंग्स Google Authenticator याDuo Security जेसी एप्लीकेशन की मदद से किया जाता है आप एक बार इस एप्लीकेशन को इंस्टॉल कर लेते हैं फिर आप इस खाते को सेट कर सकते हैं। इस सिस्टम को ऑन करने से आप पूरी तरीके से हैकिंग से बच सकते हैं।
3, अगर आप लोग आउट हो जाते हो तो संपर्क करने के लिए 3 से 5 मित्र को चुने।
इस सेटिंग को ऑन करने से हम गलती से कभी भी लोग आउट हो जाते हैं या हमारा अकाउंट हैक हो जाता है तो हम अपने दोस्तों की मदद लेकर हम फिर से लॉगइन कर सकते है।
4, सुरक्षित ब्राउजिंग
इस सेटिंग को ऑन करने से अगर आप फेसबुक के माध्यम से संभावित रूप से किसी असुरक्षित या भ्रामक वेबसाइट पर नेविगेट करने की कोशिश करते हैं तो यह चेतावनी दिखाई दी जाती है। इस सेटिंग्स को हमेशा ऑन रखिए।
आप इन सेटिंग्स को ऑन कर के अतिरिक्त सुरक्षा पा सकते हैं ।जैसे कि कभी आप गलती से लॉग आउट हो जाए तो आपके दोस्त आपको मदद कर सकते हैं । या कोई हैकर आपका पासवर्ड बदल दे तो भी आप अपने अकाउंट को वापस ला सकते हैं। अगर कोई आपके अकाउंट के पासवर्ड को हैक करले तो भी वह आपका खाता एक्सेस नहीं कर पाएगा क्योंकि उसे आपके खाते को ओपन करने के लिए आपको भेजा हुआ s.m.s. में कोड डालना पड़ेगा। कई बार ऐसा भी होता है कि कोई हैकर आपके अकाउंट को हैक कर लेता है और आपके पासवर्ड तक बदल देता है इन हालात में आपको अपना अकाउंट रिकवर करने में काफी परेशानी हो सकती है। अगर आपने इन सेटिंग्स को ऑन किया हुआ है तो आप अपने दोस्तों की मदद से अपना अकाउंट फिर से पा सकते हैं। आपको फेसबुक में लॉगिन करके अपना आईडी देकर फेसबुक पर फेसबुक के सहायता केंद्र में जाकर अपने दोस्तों को पासवर्ड रिक्वेस्ट भेजने के लिए कह सकते हैं। इस तरह से आप खोया हुआ अकाउंट फिर से एक्सेस कर सकते हैं।
अपना खोया हुआ फेसबुक अकाउंट कैसे पाए?
अगर आप अपना फेसबुक अकाउंट खो चुके हो और लोग इन नहीं कर पा रहे हो तो आपको लॉग इन करने के लिए अपना ईमेल आईडी या फोन नंबर जो भी आपने लॉग-इन करने वक्त चुना था उसे डालो और फेसबुक सहायता केंद्र कि मदद लेकर अपना अकाउंट वापस पा सकते हो।अगर आपको अपना खाता ढूँढें पेज में से अपने खाते में लॉग इन करने में समस्या हो रही है, तो ये युक्तियाँ आज़माएँ:
अपने किसी Facebook मित्र को आपकी प्रोफ़ाइल का अपने बारे में अनुभाग देखकर आपको संपर्क जानकारी अनुभाग में सूचीबद्ध ईमेल पता या फ़ोन नंबर भेजने के लिए कहें.
अपने स्वामित्व वाला हर ईमेल पता या मोबाइल नंबर डाल कर कोशिश करें (एक समय में एक). हो सकता है कि आपने अपने खाते में कोई ईमेल पता या मोबाइल नंबर जोड़ा हो और उसके बारे में भूल गए हों.
अपना उपयोगकर्ता नाम डालें. आपका उपयोगकर्ता नाम आपका वैयक्तिकृत Facebook URL होता है:
अगर आपको अपना उपयोगकर्ता नाम नहीं पता है, तो किसी मित्र को अपनी प्रोफ़ाइल पर जाकर आपको URL में मौजूद उपयोगकर्ता नाम भेजने के लिए कहें.
अपने नाम के विविध रूप डालकर कोशिश करें, हो सकता है कि आपने अपने उपनाम का उपयोग करके साइन अप किया हो.
अगर आपको किसी मित्र का नाम डालने के लिए कहा जाता है, तो आपके द्वारा आज़माया गया पहले मित्र के खाता ढूँढने में असमर्थन रहने पर अलग-अलग मित्रों के साथ कोशिश करें. याद रहे, अपने मित्र का पूरा नाम डालें, न कि केवल उनका पहला नाम.
अगर आपको लगता है कि आपके खाते पर किसी और ने कब्ज़ा कर लिया है, तो फेसबुक सहायता केंद्र कि मदद ले।
गोपनीयता सेटिंग।
यह सेटिंग आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस सेटिंग से आप किसी अनजान शख्स से अपनी पोस्ट शेयर होने से रोक सकते हो।
कुछ महत्वपूर्ण सेटिंग जांचें इस ऑप्शन को सिलेक्ट कीजिए खुद की गोपनीयता की जांच शुरूकीजिए यह तय कीजिए कि आप की अगली पोस्ट कौन देख सकता है। इसमें आप सार्वजनिक रख सकते हैं। आपकी प्रोफाइल की गोपनीयता इसमें आपको यह निश्चित करना है कि आप के फोन नंबर ईमेल आईडी जन्म तारीख और सभी तरह की जानकारी कौन देख सकता है अगर आप चाहे ,आपके मित्र देखें तो यह सुनिश्चित कर लीजिए कि सेटिंग में सिर्फ मित्र को चुने अगर आप सार्वजनिक रखते हैं तो यह हर कोई इंसान देख सकता है और आपके फोन नंबर भी इस्तेमाल कर सकता है। उन्हें आपका ईमेल आईडी जन्म तारीख और वह सभी जानकारी जो आपने फेसबुक में भरी है वह उपलब्ध हो जाएगी इसीलिए आपको यह सुनिश्चित करना है कि इसे कौन देख पाए सार्वजनिक मित्र या सिर्फ केवल में। अगर आप केवल में चुनते हैं तो यह गोपनीयता आपके दोस्तों तक भी नहीं पहुंच पाएगी इससे आपकी निजी जानकारी किसी और तक नहीं पहुंच पाएगी। इसके बाद आपकी एप्लीकेशन गोपनीयता यह भी बहुत जरूरी है कि आप सुनिश्चित कीजिए कि आप कौन सी एप्लीकेशन यूज कर रहे यह कौन देख सकता है। इसमें भी केवल में का ऑप्शन चुनें ताकि आपके दोस्त या कोई और आप कौनसी एप्लीकेशन यूज कर रहे हो नहीं देख पाए आप इन तरीकों का इस्तेमाल करके हैकिंग से और निजी जानकारियों शेयर और होने से बच सकते हो।
फेसबुक हैक करने के लिए लोग आजकल नए नए तरीके आजमा रहे है। मैं आज आपको कुछ नए और पुराने तरीकों के बारे में बताऊंगा।
हैकिंग के तरीके
1. Fishing method
जी हां दोस्तों यह सबसे पुराना और आसान तरीका है। फिशिंग का मतलब यह होता है कि हैकर आपको कोई भी एक ऐसे लिंक भेजेगा जो आपको कोई भी फेसबुक या ट्विटर का कोई भी ऐसे वेबसाइट की और आप को आकर्षित करेगा। अगर आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपका अकाउंट हैक हो सकता है। हम अक्सर ओटो साइन इन ऑन रखते हैं। इस सिस्टम की वजह से हम किसी भी लिंक को क्लिक करते हैं और वहां हमें साइन इन करना होता है, तो वह खुद-ब-खुद साइन इन हो जाता है इसलिए हमें पता ही नहीं चलता कि हमने इस लिंक पर साइनिंग कर लिया है और हमारा अकाउंट सेफ नहीं रहता इसलिए हमारा ईमेल आईडी पासवर्ड हैकर के पास चले जाते हैं।
फिशिंग करने के दो तरीके हैं।
1. किसी हैकिंग वेबसाइट को होस्ट करके , जैसे कि जेड शैडो यह एक हैकिंग के लिए बनाई गई वेबसाइट है।
2. अपना खुद का सर्वर पर बनाकर किसी को हैक करना। यह थोड़ा मुश्किल काम है इसके लिए उन्हें 4G कनेक्शन और कुछ टूल्स का इस्तेमाल करना पड़ता है।
इससे बचने के उपाय।
ऐसी भेजी हुई किसी भी लिंक को आप क्लिक ना करें। किसी अनजान शख्स के भेजे हुए लिंक पर क्लिक मत कीजिए। एचटीटीपीएस वाली लिंक को ही क्लिक कीजिए https वाली लिंक हमेशा सही होती है। और अगर हो सके तो ओटो साइनिंग सिस्टम ऑफ कर लीजिए इससे यह फायदा होगा कि आपको पता चलेगा कि आप कहां पर साइन इन कर रहे है।
2. Keylogger hacking
इसके तो नाम से ही पता चल जाता है। की हैकर कीलॉगर नाम का टूल आपके मोबाइल या कंप्यूटर में इंस्टॉल करके सारे इंफॉर्मेशन निकाल लेता है। कीलॉगर टूल वह होता है जिससे अब कुछ भी चीज टाइप करें जैसे कि लॉगइन करने के वक्त किया हुआ पाiसवर्ड तक वह सब रिकॉर्ड होता है, और वह सब हैकर के पास FTP या ईमेल के जरिए पहुंच जाता है। कुछ ऐसे भी कीलॉगर होते हैं जो कुछ समय के बाद खुद ब खुद अनइनस्टॉल हो जाते हैं जिससे आपको पता ही नहीं चलता कि आपके साथ साथ क्या हुआ था।
कैसे बचे?
1. अपने कंप्यूटर या मोबाइल को किसी अजनबी के हाथ ना आने दे।
2. किसी और के कंप्यूटर में या मोबाइल में लॉगइनना करें अगर करना ही पड़ता है तो वर्चुअल कीबोर्ड यूज करें।
3. अपने कंप्यूटर या मोबाइल में किसी अजनबी के भेजे हुए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल मत करें और एक अच्छा एंटीवायरस यूज़ करें।
3 सेशन हाईजैकिंग मेथड।
इस मैधड में हैकर आपके ब्राउज़र की कूकीज को हैक करता है। कुकिस उसको कहते हैं जब आप कोई ब्राउजर यूज करते हो और उसमें से कुछ भी सर्च करके उस वेबसाइट पर बिताए हुए समय तक आपने जो सर्च किया है वह सब एक कूकीज के रूप में ब्राउज़र में जमा हो जाती है ।कूकीज का मतलब होता है एक ऐसी छोटी फाइल जिसमें आपने जो सर्च किया है वह याद रह सके ताकि जब आपको दोबारा उस चीज की जरूरत पड़े तो वह आसानी से एक्सेस कर पाए । इसीलिए हैकर कूकीज का इस्तेमाल हैकिंग के लिए करते हैं। कूकीज एक ऐसी छोटी फाइल है जिसका इस्तेमाल करके हैकर को आपके पासवर्ड की जरूरत नहीं पड़ती। हमारे कंप्यूटर डिवाइस ( डेस्कटॉप और लैपटॉप ) में कई प्रकार की फाइलें होती हैं। कुकीज भी हमारे कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव ( Hard Drive ) में मौजूद एक सामान्य टेक्स्ट फाइल ( Text File ) ही है, जो वेब पेज सर्वर द्वारा हमारे कंप्यूटर में सेव हो जाता है। टेक्स्ट फाइल होने के कारण इसका फाइल एक्सटेंशन txt होता है। इंटरनेट कुकीज के कई नाम है जैसे - वेब कुकीज ( Web Cookies ), ब्राउजर कुकीज ( Browser Cookies ) और एचटीटीपी कुकीज ( HTTP Cookies )|
कुकीज का मुख्य काम सर्वर को इस बात की सूचना देना है कि इंटरनेट यूजर किसी वेब पेज को दोबारा खोलने या एक्सेस करने के लिए वापस लौटा है। कुकीज की सहायता से इंटरनेट यूजर्स के डाटा ( Data ) और समय दोनों की ही बचत होती है।
इसे आप इस तरह समझ सकते हैं। मान लीजिए, इंटरनेट पर आपने गूगल अकाउंट के वेब पेज पर खुद को किसी सर्विस के लिए रजिस्टर किया है। अगली बार जब आप उस वेब पेज पर फिर से वापिस लॉगिन करेंगे, यानी एक्सेस करते हैं तो आपको सारी सूचनाएँ ( जैसे - ईमेल आईडी या यूजरनेम ) फिर से भरनी नहीं पड़ती है। यहीं पर ये कुकीज हमारे बहुत काम आती है।
दरअसल कुकीज आपके लिए एक तरह के आइडेंटिफिकेशन कार्ड के रूप में काम करता है। इंटरनेट की दुनिया में एडवरटाइजिंग साइट्स और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के लिए इंटरनेट कुकीज एक बहुत ही उपयोगी टूल है, जो इंटरनेट सर्फिंग को आसान और तेज बना देता है। कुकीज का इस्तेमाल इंटरनेट पर लॉगइन के लिए ऑथेंटिकेशन टूल के रूप में किया जाता है।
कुकीज कई प्रकार के होते हैं, जिनके अलग-अलग काम होते हैं।
1,सेशन कुकीज ( session cookies )
2,परसिस्टेंट कुकीज ( persistent cookies )
3, सिक्योर कुकीज ( secure cookies )
4एचटीटीपी ओनली कुकीज ( HTTP only cookies )
बचने के लिए क्या करें?
किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना मोबाइल या कंप्यूटर चलाने ना दे।
4, मैन इन ध मिडल अटैक।
मैन इन ध मिडल अटैक में हैकर यूजर और सरवर के बीच के कनेक्शन को हैक करता है। इनडायरेक्टली वो सर्वर को हैक करता है।
बचने के लिए क्या करें?
पब्लिक वाईफाई या अनजाने वाईफाई का यूज मत करें।
5, रेट अटैक
इसका मतलब है रिमोट एक्सेस टूल। हैकर एक सिंपल सी फाइल बनाकर आपके कंप्यूटर में इंस्टॉल कर लेता है।और यह फाइल एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद आपके कंप्यूटर पर हैकर का पूरा कब्जा हो जाता है।
बचने के लिए क्या करें?
किसी भी अनजान फाइल को इंस्टॉल मत करें ।
6,वायरस,ट्रोजन,इत्यादि
वायरस या ट्रोजन एक ऐसा टूल है जिससे हैकर आपके सिस्टम में इनस्टॉल करके, हैकर आपके सिस्टम को पूरी तरह से हैक कर लेता है।
बचने के लिए क्या करें?
एक अच्छा एंन्टीवायरस यूज़ करें जो वायरस या ट्रोजन को अच्छी तरह से ढूंढ के नष्ट कर सके।
7, वाईफाई हैकींग
वाईफाई हैकिंग का नाम सुनते ही आप सोचने लगे होगे कि किसी वाईफाई सर्वर को हैक करके मुफ्त में इंटरनेट यूज करना ।जी नहीं मैं इसके बारे में बात नहीं कर रहा हूं मैं इससे भी बढ़कर और खतरनाक हैकिंग के बारे में बात कर रहा हूं। कुछ लोग जयंती जैसे ऐप यूज करके हैकिंग कर रहे हैं । यह हैकिंग एक ही वाईफाई सर्वर से जुड़े हुए दो डिवाइस के बीच में हो सकती है। इससे इस तरह की हैकिंग मुमकिन है।
1, चेंज डिवाइस मैक ऐड्रेस।
2, क्रिएट मिलिकियस वाईफाई हॉटस्पॉट।
3, हाईजैक एचटीटीपी(http) सेशन।
4, कैप्चर डाउनलोड।
5, मोडीफाई एचटीटीपी रिक्वेस्ट एंड रीस्पोनसीस।
6, एक्सप्लॉयड राउटर्स।
7, एडिट पासवर्ड।
8, चेक डिवाइस फॉर सेल शॉक्स एंड एस एस एल पुडेल वेलनब्रेटी(vulnerability). ऐसे खतरनाक टुल जयंती ऐप मे इंस्टॉल होते हैं। इस ऐप की मदद से हैंकर आपके पासवर्ड तो चुराही सकता है लेकिन वह यह भी तय कर सकता है कि आप कौन सी वेबसाइट पर सर्च करें मतलब कि वो आपके सर्च पर भी कंट्रोल कर लेता है।मैं अपनी अगली पोस्ट में इसके बारे में डिटेल में बताऊंगा आप मुझे कॉमेंट बॉक्स में जाकर सवाल या सलाह दे सकते हो। आपके कॉमेंट से ही मुझे अगली पोस्ट बनाने की प्रेरणा मिलेगी।
बचने के लिए क्या करें?
पब्लिक वाईफाई या अनजाने वाईफाई का यूज मत करें।
8, क्लिक हैकिंग
इस तकनीक में हैकर हमें कोई ट्रस्टेड वेबसाइट का यूआरएल दिखा कर किसी दूसरे यूआरएल पर ले जाता है।
एग्जांपल के तौर पर अगर आप किसी वेबसाइट का यूआरएल क्लिक करते हो और कोई अनजाने चीज खुलकर सामने आ जाती है जैसे कि आपने किसी फिल्म का यूआरएल देखकर उसे क्लिक किया और आपको किसी एप्स को डाउनलोड करने के लिए क्लिक करने को कहा जाए।
बचने के लिए क्या करें?
हमें ऐसे लिंक से बचना चाहिए और ब्राउज़र में सिक्योरिटी अलर्ट ऑन रखने चाहिए।
9, फाइल का नाम बदलकर
इस तकनीक में हैकर अपनी फाइल का नाम इस तरह से बदल देता है जिससे आपको उस पर जल्दी से ट्रस्ट कर सको। वो किसी सॉफ्टवेयर को फोटो या फाइल में कन्वर्ट करके आपको भेजता है और आप वहां फोटो या फाइल सिलेक्ट करते हैं तो वह सॉफ्टवेयर भी ऑन होता है और आप की जानकारी हैकर तक पहुंच जाती है।
बचने के लिए क्या करें?
आप किसी अंजान शख्स के भेजे हुए फाइल फोटोज को सेव मत कीजिए। एक अच्छा एंटीवायरस यूज कीजिए और अगर आपको किसी फाइल या वेबसाइट के लिंक पर संदेह हो तो उसे
वायरस टोटल के लिंक पर चेक कर सकते हो अगर उसमें वायरस ट्रोजन या कुछ भी होगा तो आप ऑनलाइन चेक कर सकते हो। उसकी मैं एक लिंक आपको दे रहा हूं।
वायरस टोटल
10, स्पाई एप
हैकर आपके मोबाइल या कंप्यूटर में एक ऐसी एप्लीकेशन इंस्टॉल कर देता है,जिससे आपका मोबाइल या कंप्यूटर रिमोटली वह एक्सेस कर सकता है। आप के व्हाट्सएप मैसेजेस ई-मेल और कॉल रिकॉर्ड्स भी देख सकता है। हैकर इन एप को आपके मोबाइल या कंप्यूटर में हाइड करके रखता है।
बचने के लिए क्या करें?
हमें ऐसी एप्लीकेशन या ऐप को ढूंढ के अनइनस्टॉल कर देना चाहिए। आमतौर पर यह सारे ऐप हाइड किए हुए होते हैं यह हमें सेटिंग्स में एप मैनेजमेंट में देख सकते हैं। हमें उन्हें पहचान के अनइनस्टॉल कर लेना चाहिए।
11, ब्रूट फोर्स अटैक
ब्रूट फोर्स ऐक पासवर्ड हैकिंग टेक्निक्स है।इसमें हैकर कीसी पासवर्ड को क्रैक करने के लिए किसी प्रोग्राम की हेल्प से सिस्टम या फाइल पर अटैक करता है। इस प्रोसेस बहुत लंबी चल सकती है अगर पासवर्ड सिंपल है तो जल्दी क्रेक हो जाएगा अगर हार्ड है तो कई घंटे या महीना भी लग सकते हैं।
बचने के लिए क्या करें?
हमें अपना पासवर्ड हार्ड रखना चाहिए हो सके तो 13 से 15 कैरक्टर्स का होना चाहिए। जिसे हैक करने को महीनों नहीं बरसो लगे।
Example -/ Bharat m sajnani
bH#:%arat$¥√MsA∆}πjnANi.
क्योंकि A=a नहीं होता.दोंनो अलग-अलग है।
इसके अलावा भी हैकर्स वेबसाइटों पर पर कुछ इस तरह के हमले कर सकते हैं।
denial of service (Dos)
इस अटैक में हैकर किसी वेबसाइट पर बहुत सारा ट्राफिक भेजकर उसे स्लो कर देता है। इस तकनीक में हैकर सरवर पर डायरेक्ट एक्सेस के बिना उस पर बहुत सारे पींग भेज के वेबसाइट को है करता है।
cross site scripting (XSS)
इस तकनीक में एक वेबसाइट पर जावा स्क्रिप्ट के बहुत सारे कोड ट्राय करते हैं जिससे उसको वीक पॉइंट्स मिल पाए।
SQL injection attack
यह एक डाटा बेस तकनीक है। हैकर वेबसाइट पर बहुत सारे एस क्यू ऐल कोड टेस्ट करके उसमें वीकनेस ढूंढता है। एक बार वीकनेस जानने के बाद पूरे डाटा बेस को चेंज ओर डिलीट भी कर सकता है।
dstributed DoSs
इस तकनीक में सरवर को स्लो या क्रैश किया जाता है इस अटैक में सरवर पर बहुत सारा ट्राफिक भेजा जाता है ताकि वो जल्द ही बंद हो जाऐ।
usb attack
इस तकनीक में हैकर आपके कंप्यूटर में usb पेन ड्राइव जोड़कर आपके पासवर्ड और फाइल को कॉपी कर सकता है। अगर आप अपने पासवर्ड browser में रखते हैं तो वह आसानी से कॉपी हो जाते हैं और वह हैंकर के पास चले जाते हैं।
आप मुझे कॉमेंट बॉक्स में जाकर सवाल या सलाह दे सकते हो। होसकता है कि मैं अपनी अगली पोस्ट आप के लिए बनाउ।